हिन्दी साहित्यकार और उनके उपनाम । Hindi Sahityakar ।

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          हिन्दी साहित्यकार और उनके उपना का महत्व साहित्यिक दुनिया में अत्यधिक है, क्योंकि उपनाम एक साहित्यकार की पहचान और उसकी कला को हकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। यह उपनाम साहित्यकार के विचार, भाषा, और कला के प्रति उनके स्वभाव को दर्शाता है। हिन्दी साहित्य में कई महत्वपूर्ण साहित्यकार हैं, जिन्होंने अपने योगदान से साहित्य को समृद्धि और सौंदर्य दिया है। यहां कुछ मुख्य हिन्दी साहित्यकारों के नाम और उनके उपनाम दिए जा रहे हैं । 


हिन्दी साहित्यकार और उनके उपनाम ( Hindi Sahityakar )

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💠 जयशंकर प्रसाद   - प्रसाद'


💠 मैथलीशरण गुप्त – राष्ट्रकवि


💠 महादेवी वर्मा – आधुनिक युग की मीरा


💠सूर्यकांत त्रिपाठी- 'निराला', महाप्राण, साहित्यशार्दुल


💠 गुसाईं दत्त - सुमित्रानन्दन पन्त


💠 धनपत राय  – प्रेमचन्द, नवाब राय , उपन्यास सम्राट, कलम का सिपाही, कलम का मजदूर


💠 रामधारी सिंह - 'दिनकर


💠मिर्ज़ा असदुल्लाह बेग ख़ान – मिर्ज़ा ग़ालिब


💠 माखनलाल चतुर्वेदी –एक भारतीय आत्मा


💠 जयशंकर प्रसाद – कलाधर


💠 बद्रीनाथ भट्ट – सुदर्शन


💠 स्वयंभू – अपभ्रंश का वाल्मीकि


💠 सरहपा – हिन्दी के प्रथम कवि


💠अबूल हसन यामिनुदीन अमीर ख़ुसरो – तूती-ए-हिन्द


💠विद्यापति – मैथिलि कोकिल , अभिनव जयदेव


💠 असाइत – प्रथम सूफी कवि


💠सूरदास – अष्टछाप का जहाज , पुष्टिमार्ग का जहाज , खंजन नयन , भावाधिपति , वात्सल्य रस सम्राट


💠 नंददास – जड़िया कवि


💠तुलसीदास – कवि शिरोमणि , मानस का हंस , लोक नायक , हिन्दी का जातीय कवि


💠 अब्दुर्रहीम खानेखाना – रहीम


💠 नरहरि बंदीजन – महापात्र


💠 केशवदास – कठिन काव्य का प्रेत


💠 मतिराम – पुराने पंथ के पथिक


💠 धनानंद – प्रेम की पीर का कवि


💠 भिखारीदास – दास


💠 शिव प्रसाद सिंह – सितारे हिंद


💠 शिवपूजक सहाय – भाषा का जादूगर , हिन्दी भूषण


💠 नारायण प्रसाद – बेताब


💠 गिरिधर शर्मा – नवरत्न


💠 सत्यनारायण – कविरत्न , ब्रज कोकिल


💠 बाल्मीकि –आदि कवि


💠 जगदंबा प्रसाद मिश्र – हितेषी


💠 मुन्नन द्विवेदी - शांतिप्रिय द्विवेदी


💠 हरिप्रसाद द्विवेदी - वियोगि हरि


💠 वैद्यनाथ मिश्र – नागार्जुन


💠 हरिवंश राय बच्चन  - 'बच्चन'


💠 रघुपति सहाय - फिराक गोरखपुरी


💠 सम्पूर्ण सिंह कालरा – गुलज़ार


💠 धर्मवीर सक्सेना - धर्मवीर भारती


💠 पुष्पलता शर्मा – पुष्पा भारती


💠 शिवमंगल सिंह - 'सुमन'


💠 मदन मोहन गुगलानी - मोहन राकेश


💠 कैलाश सक्सेना – कमलेश्वर


💠 उपेन्द्रनाथ शर्मा - 'अश्क'


💠 फणीश्वर नाथ - 'रेणु'


💠 गोपालदास सक्सेना - 'नीरज'


💠 श्रीराम वर्मा – अमरकान्त


💠 रमेश चन्द्र - शैलेष मटियानी


💠 सुदामा पाण्डेय - 'धूमिल'


💠 बालस्वरूप भटनागर - 'राही'


💠 गंगाप्रसाद उनियाल - 'विमल'


💠 रामेश्वर शुक्ल - 'अंचल'


💠 वासुदेव सिंह - त्रिलोचन शास्त्री


💠 सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन - 'अज्ञेय'


💠तिरूमल्लै नम्बाकम वीर राघव आचार्य– रांगेय राधव


💠 पाण्डेय बेचन शर्मा - 'उग्र' , अष्टावक्र


💠 राय देवीप्रसाद - 'पूर्ण'


💠 चन्द्रधर शर्मा - 'गुलेरी'


💠 बालकृष्ण शर्मा - 'नवीन'


💠 गजानन माधव - 'मुक्तिबोध'


💠 गोपाल शरण सिंह - 'नेपाली'


💠 जनार्दन प्रसाद झा - 'द्विज'


💠 सत्यनारायण - 'कविरत्न'


💠 भगवान वर्मा - लाला भगवानदीन


💠 बालमुकुन्द गुप्त – शिवशम्भु


💠 गयाप्रसाद शुक्ल - 'सनेही'


💠 अयोध्यासिंह उपाध्याय - 'हरिऔध'


💠 नाथूराम शर्मा - 'शंकर'


💠 बदरीनारायण चौधरी - 'प्रेमघन'


💠 जगन्नाथ दास - 'रत्नाकर'


💠 सदासुख लाल - 'नियाज'


💠 सैयद गुलाम नबी – रसलीन


💠 सैयद इब्राहिम – रसखान


💠 मलिक मोहम्मद - 'जायसी'


💠 विश्वम्भर नाथ शर्मा - 'कौशिक'


💠 चण्डीप्रसाद - 'हृदयेश'


💠 हरिकृष्ण शर्मा - 'प्रेमी'


💠गणेशबिहारी मिश्र,श्यामबिहारी मिश्र,शुकदेवबिहारी मिश्र- 'मिश्रबन्धु'


💠 गुलशेर अहमद खान - 'शानी'


💠 रामरिख बंसल - मनहर


💠काशीनाथ उपाध्याय - बेधडक बनारसी


💠कृष्णदेव प्रसाद गौड - बेढब बनारसी


💠 प्रभुलाल गर्ग - काका हाथरसी


💠 चन्द्रभूषण त्रिवेदी - रमई काका


💠 राजेन्द्र बाला घोष - बंग महिला


💠 महेन्द्र कुमारी - मन्नू भण्डारी


💠 प्रेम कुमार कुन्द्रा – प्रेम जनमेजय


💠अनिल कुमार जैन – अनिल जनविजय


💠 सरोजिनी मलिक - 'प्रीतम'


💠 उषा सक्सेना - 'प्रियंवदा'


💠 गौरा पन्त - 'शिवानी'


💠सुशील कुमार चड्ढा – हुल्लड़ मुरादाबादी


             आज के आधुनिक युग में राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (यूजीसी नेट -सेट ) में हिन्दी साहित्य के प्रतियोगी इम्तिहान ( परीक्षा ) में हिन्दी साहित्यकार और उनके उपनाम के बारे में जानकारी प्राप्त  करना परीक्षा की द्रष्टि से बहुत आवश्यक  है | हिन्दी के प्रमुख कवि या लेखक या रचनाकार और उनके लोकप्रिय उपनामों का महत्व बहुत अधिक है। आपने अधिकतर देखा होगा कि कवियों के उपनाम का ही प्रयोग हर जगह होता हैं।






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